जगजीवन राम
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पूरा नाम
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बाबू जगजीवन राम
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अन्य नाम
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बाबूजी
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जन्म
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5 अप्रैल, 1908 ई.
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जन्म भूमि
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भोजपुर का 'चंदवा गाँव', बिहार
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मृत्यु
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6 जुलाई, 1986 ई.
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अभिभावक
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शोभा राम (पिता)
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संतान
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पुत्री- मीरा कुमार
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नागरिकता
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भारतीय
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प्रसिद्धि
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दलित वर्ग के मसीहा के रूप में याद किया जाता है।
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पार्टी
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कांग्रेस और जनता दल
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पद
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श्रम मंत्री, रेल मंत्री, कृषि मंत्री, रक्षा मंत्री और उप-प्रधानमंत्री आदि पदों पर रहे।
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शिक्षा
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स्नातक
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विद्यालय
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कलकत्ता विश्वविद्यालय
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भाषा
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हिन्दी, अंग्रेज़ी
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जेल यात्रा
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भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल यात्रा की।
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अन्य जानकारी
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बाबूजी सासाराम क्षेत्र से आठ बार चुनकर संसद में गए और भिन्न-भिन्न मंत्रालय के मंत्री के रूप में कार्य किया। वे 1952 से 1984 ई. तक लगातार सांसद चुने गए।
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जगजीवन राम (अंग्रेज़ी: Jagjivan Ram, जन्म- 5 अप्रैल 1908; मृत्यु- 6 जुलाई, 1986) आधुनिक भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष जिन्हें आदर से 'बाबूजी' के नाम से संबोधित किया जाता था। लगभग 50 वर्षो के संसदीय जीवन में राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण और निष्ठा बेमिसाल है। उनका संपूर्ण जीवन राजनीतिक, सामाजिक सक्रियता और विशिष्ट उपलब्धियों से भरा हुआ है। सदियों से शोषण और उत्पीड़ित दलितों, मज़दूरों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए जगजीवन राम द्वारा किए गए क़ानूनी प्रावधान ऐतिहासिक हैं। जगजीवन राम का ऐसा व्यक्तित्व था जिसने कभी भी अन्याय से समझौता नहीं किया और दलितों के सम्मान के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। विद्यार्थी जीवन से ही उन्होंने अन्याय के प्रति आवाज़ उठायी। बाबू जगजीवन राम का भारत में संसदीय लोकतंत्र के विकास में महती योगदान है।
जन्म
एक दलित के घर में जन्म लेकर राष्ट्रीय राजनीति के क्षितिज पर छा जाने वाले बाबू जगजीवन राम का जन्म बिहार की उस धरती पर हुआ था जिसकी भारतीय इतिहास और राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 को बिहार में भोजपुर के चंदवा गांव में हुआ था। उनका नाम जगजीवन राम रखे जाने के पीछे प्रख्यात संत रविदास के एक दोहे - प्रभु जी संगति शरण तिहारी, जगजीवन राम मुरारी, की प्रेरणा थी। इसी दोहे से प्रेरणा लेकर उनके माता-पिता ने अपने पुत्र का नाम जगजीवन राम रखा था। उनके पिता शोभा राम एक किसान थे, जिन्होंने ब्रिटिश सेना में नौकरी भी की थी।