शौकत उस्मानी

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शौकत उस्मानी (जन्म- 21 दिसंबर, 1901, बीकानेर, राजस्थान) प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। श्रमिकों तक अपनी बात पहुँचाने के लिए उन्होंने 'पयामे मजूर' नामक जैसे उर्दू साप्ताहिक का प्रकाशन किया।

परिचय

अपने समय के प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता शौकत उस्मानी का जन्म 21 दिसंबर, 1901 ई. को बीकानेर, राजस्थान में हुआ था। उन्होंने कुछ दिन महाराजा कॉलेज में शिक्षा पाई, जहां डॉ. संपूर्णानन्द उनके शिक्षक थे। उस्मानी शीघ्र ही खिलाफत आंदोलन के संपर्क में आए और 1919 में अफगानिस्तान चले गए। वहां से कुछ भारतीय युवकों के साथ मास्को पहुंचे और मार्क्सवादी साहित्य के प्रभाव से कम्युनिस्ट बन गए। श्रमिकों में प्रचार के लिए उन्होंने 'पयामे मजूर' नामक उर्दू साप्ताहिक का प्रकाशन किया था। उनकी पुस्तक 'फ्रॉम पेशावर टू मास्को' को लोगों ने बहुत पसंद किया।[1]

आक्रमण की योजना

शौकत उस्मानी ने अपने साथियों के साथ मिलकर योजना बनाई कि अफगानिस्तान के रास्ते भारत पर आक्रमण करके ब्रिटिश सत्ता को समाप्त किया जाए। जब अफगानिस्तान नरेश अमानुल्ला ने इसकी अनुमति नहीं दी, तो कुछ लोग पामीर पठार के रास्ते आगे बढ़े पर ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 7 नवंबर, 1920 को ताशकंद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अस्तित्व में आई। शौकत उस्मानी गुप्त रूप से 1922 में भारत पहुंचे और यहां के कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं से संपर्क करके श्रमिकों को संगठित करने का प्रयास करने लगे। उत्तर प्रदेश और पंजाब उनका मुख्य कार्य क्षेत्र था।

आजीवन कारावास

1923 में शौकत उस्मानी को गिरफ्तार कर लिया गया और मेरठ षड्यंत्र केस में आजीवन कारावास की सजा हो गई। लेकिन 1927 में जब उन्हें जेल से छोड़ दिया गया तो वे फिर भूमिगत हो गए। जुलाई 1928 में कम्युनिस्ट अंतरराष्ट्रीय के छठे मास्को सम्मेलन में शौकत उस्मानी सिकंदर सूर के छद्म नाम से फिर प्रकट हुए थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 859 |

बाहरी कड़ियाँ

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