नागालैंड
नागालैंड
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राजधानी | कोहिमा |
राजभाषा(एँ) | अंग्रेज़ी, अंगमी, चंग, कुकी कोन्यक |
स्थापना | 1 दिसंबर, 1963 |
जनसंख्या | 19,88,636 [1] |
· घनत्व | 120[1] /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 16,527 वर्ग किमी [1] |
भौगोलिक निर्देशांक | 69.4°N 99.08°E |
तापमान | 4 °C - 31 °C |
· ग्रीष्म | 16 - 31 °C |
· शरद | 4 - 24 °C |
ज़िले | 11[1] |
सबसे बड़ा नगर | दीमापुर |
साक्षरता | 67.11 [1]% |
राज्यपाल | पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य |
मुख्यमंत्री | नेफियू रियो |
विधानसभा सदस्य | 60 |
लोकसभा क्षेत्र | 1 |
राज्यसभा सदस्य | 1 |
उच्च न्यायालय | गुवाहाटी उच्च न्यायालय (कोहिमा बेंच) |
मुख्य फसलें | चावल, मक्का, बाजरा, दाल, रबर, चाय आदि |
उपमुख्यमंत्री | वाई. पत्तन |
अन्य जानकारी | नागालैंड का लगभग समूचा हिस्सा पर्वतीय है। नागालैंड को 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है। |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 13:15, 8 मार्च 2018 (IST)
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नागालैंड (अंग्रेज़ी: Nagaland) 1 दिसंबर, 1963 को भारतीय गणराज्य का 16वाँ राज्य बना। इस राज्य के पूर्व में म्यांमार, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम और दक्षिण में मणिपुर से घिरा हुआ है। इसकी राजधानी कोहिमा है और इसे 'पूरब का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है। नागालैंड राज्य का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग कि.मी. है। 2001 का जनगणना के अनुसार इस राज्य की आबादी 19,88,636 है। असम घाटी की सीमा से लगे क्षेत्र के अलावा इस राज्य का क्षेत्र अधिकांशत: पहाड़ी है। इसकी सबसे ऊंची पहाड़ी का नाम सरमती है जिसकी ऊंचाई 3,840 मीटर है। यह पर्वत शृंखला नागालैंड और म्यांमार के मध्य एक प्राकृतिक सीमा रेखा का निर्माण देती है। 12वीं-13वीं शताब्दी में यहाँ के निवासियों का असम के 'अहोम' लोगों से धीरे-धीरे संपर्क हुआ, लेकिन इससे इन लोगों के रहन-सहन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेज़ों के आगमन पर यह राज्य ब्रिटिश प्रशासन के अधीन आ गया। स्वंतत्रता के पश्चात् 1957 में यह क्षेत्र केंद्रशासित प्रदेश बन गया और असम के राज्यपाल द्वारा इसका प्रशासन देखा जाने लगा। यह 'नगा हिल्स तुएनसांग' क्षेत्र कहलाया। यह प्रशासन नागरिकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और यहाँ असंतोष पनपने लगा। अत: 1961 में इसका नाम बदलकर ‘नगालैंड’ रखा गया और इसे 'भारतीय संघ' के राज्य का दर्जा दिया गया, जिसका विधिवत उद्घाटन 1 दिसंबर, 1963 को हुआ।
भूगोल
नागालैंड का लगभग समूचा हिस्सा पर्वतीय है। उत्तर में नागा पहाड़ियाँ ब्रह्मपुत्र घाटी से अचानक लगभग 610 मीटर की ऊंचाई तक उठती हैं और उसके बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में इनकी ऊंचाई 1,800 मीटर तक हो जाती है, म्यांमार सीमा के पास ये पहाड़ियां पटकोई पर्वत शृंखला से मिल जाती हैं और यहाँ इनकी सबसे ऊंची चोटी माउंट सारामती है, जिसकी ऊंचाई 3,826 मीटर है। यह क्षेत्र कई नदियों द्वारा गहरे रूप में विभक्त है- उत्तर में दोयांग और दिखु, दक्षिण-पश्चिम में बरक और दक्षिण-पूर्व में चिंदविन नदी (म्यांमार में) की सहायक धाराएं।
जलवायु
नागालैंड की जलवायु मानसूनी है। औसत वार्षिक वर्षा 1,800 से 2,500 मिमी तक होती है और यह दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून[2] के महीनों में संकेंद्रित होती है। ऊँचाई के साथ-साथ औसत तापमान घटता जाता है; गर्मी के दिनों में तापमान 21° से. से 40° से. तक होता है, जबकि शीत ऋतु में यह कभी-कभार ही 4° से, से नीचे जाता है, लेकिन अधिक ऊँचाई वाले स्थानों में आमतौर पर पाला पड़ता है। सामान्य रुप से आर्द्रता काफ़ी होती है।
वन्य एवं प्राणी जीवन
नागालैंड का दर्ज वन क्षेत्र 8,629 वर्ग किमी है, जबकि वास्तविक वनाच्छादित क्षेत्र 14,221 वर्ग किमी है, जो समूचे भौगोलिक क्षेत्र का 85.8 प्रतिशत है। 1,219 मीटर से कम ऊँचाई पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पाए जाते हैं, जिनमें ताड़ जाति के वृक्ष, बेंत और बांस तथा महोगनी जैसी कीमती इमारती लकड़ियों के वृक्ष पाए जाते हैं, ऊँचाई वाले क्षेत्रों में शंकुधारी वन मिलते हैं। जिन क्षेत्रों में झूम[3] के लिए कटाई की गई है, वहाँ ऊंची घास, नरकुल और झाड़ीदार वन दुबारा उग आए हैं। वन्यजीव अभयारण्य 222 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हुए हैं। निचली पहाड़ियों में गैंडे, हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू, कई तरह के बंदर, सांबर, भैसे और जंगली सांड पाए जाते हैं। इस राज्य में साही, पेंगोलिन (शल्कधारी चींटीखोर), जंगली कुत्ते, लोमड़ी मुश्क बिलाव नेवले भी पाए जाते है। विशाल भारतीय धनेश पक्षी की दुम के लंबे परों को पारंपरिक वेशभूषा में इस्तेमाल के लिए संभालकर रखा जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 Nagaland at a glance (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) नागालैंड की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 25 मई, 2014।
- ↑ मई से सितंबर
- ↑ काटकर-जलाकर खेती के लिए जंगल साफ़ करने की पद्धति