एनी बेसेंट
एनी बेसेंट
| |
अन्य नाम | आयरन लेडी |
जन्म | 1 अक्टूबर 1847 |
जन्म भूमि | लंदन, इंग्लैंड |
मृत्यु | 20 सितंबर, 1933 |
मृत्यु स्थान | अंडयार, चेन्नई |
पति/पत्नी | रेवेरेंड फ्रैंक बेसेंट |
संतान | एक पुत्र और एक पुत्री |
प्रसिद्धि | लेखिका, समाज सेविका, स्वतंत्रता सेनानी |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | कांग्रेस अध्यक्ष |
भाषा | अंग्रेज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | देशवासियों ने उन्हें माँ वसंत कहकर सम्मानित किया तो महात्मा गांधी ने उन्हें वसंत देवी की उपाधि से विभूषित किया। |
विशेष योगदान | नारी-मुक्ति की समर्थक |
रचनाएँ | डेथ-ऐण्ड आफ़्टर, इन द आउटर कोर्ट, द सेल्फ ऐण्ड इट्स शीथ्स आदि। |
अन्य जानकारी | लगभग 505 ग्रंथों व लेखों की लेखिका डॉ. एनी बेसेन्ट ने 'हाऊ इण्डिया रौट् फॉर फ्रीडम' (1915) में भारत को अपनी मातृभूमि बतलाया है। |
एनी बेसेंट (अंग्रेज़ी: Annie Besant, जन्म: 1 अक्टूबर, 1847, लंदन; मृत्य: 20 सितंबर, 1933) भारत की मिट्टी से गहरा लगाव रखने वाली प्रख्यात समाजसेवी, लेखिका और स्वतंत्रता सेनानी थीं। एनी बेसेंट ने कई मौकों पर अन्याय का कड़ा प्रतिरोध करके 'आयरन लेडी' की छवि बनाई थी। एनी बेसेंट भारतीय दर्शन एवं हिन्दू धर्म से बहुत आकर्षित थी और थियोसॉफी का प्रसार करने के लिए भारत आईं थी। उन्हें भारत से अद्भुत प्रेम एवं अनुराग था और भारतवासियों द्वारा उन्हें दिया गया सम्मान एवं आदर भी दर्शनीय था। आध्यात्मिक और राजनीतिक रूप से सोए हुए भारत को जगाने के लिए, भारत को अपना घर कहने वाली एनी बेसेंट ने दुनिया भर के धर्मों का गहन अध्ययन किया। उन धर्मों को जाना परखा और समझा कि वेद और उपनिषद का धर्म ही सच्चा मार्ग है।
जीवन परिचय
एनी बेसेंट का जन्म 1 अक्टूबर, 1847 को लंदन के 'वुड' परिवार में हुआ। एनी बेसेंट के पिता एक कुशल चिकित्सक थे। वह कई भाषाओं के ज्ञाता थे। माता धार्मिक आस्था वाली आयरिश महिला, पिता विद्वान् गणितज्ञ अंग्रेज़, एक भाई दो वर्ष बड़ा था। एनी बेसेंट जब पाँच वर्ष की थीं तभी उनके पिता का स्वर्गवास हो गया था। 1852 को उनके पिता के निधन के बाद माता द्वारा बेहद ग़रीबी में दोनों बच्चों का पालन-पोषण किया गया। उनका पालन-पोषण उनकी माँ ने अभावों की स्थितियों में किया। एनी बेसेंट की अद्भुत प्रतिभा बचपन में ही दिखायी देने लगी थी जिससे प्रभावित होकर एक शिक्षाविद महिला 'सुश्री मेरियट' ने उन्हें उनकी माँ से अपने संरक्षण में ले लिया। सुश्री मेरियट के संरक्षण में उन्होंने 16 वर्ष तक विद्यार्जन किया, यूरोप तथा जर्मनी की यात्रा की, लैटिन एवं फ्रेंच भाषाओं का गहन अध्ययन किया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ एनी बेसेंट नहीं 'माँ बसंत' कहो (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) वेबदुनिया हिन्दी। अभिगमन तिथि: 15 मार्च, 2011।
- ↑ पूरब का सितारा डॉ.एनी बेसेंट (हिन्दी) (पी.एच.पी) जागरण याहू इंडिया। अभिगमन तिथि: 15 मार्च, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
- कई मायनों में आयरन लेडी थी एनी बेसेंट
- पूरब का सितारा डॉ.एनी बेसेंट
- भारतीय स्वाधीनता - संघर्ष में उदारवादी अंग्रेजों की भूमिका
- थियोसॉफी पुस्तकें
- एनी बेसेंट : विदेशी मिट्टी और भारतीय मन