ए. के. गोपालन
ए. के. गोपालन
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पूरा नाम | ए. के. गोपालन |
जन्म | 1 अक्टूबर, 1904 |
जन्म भूमि | कन्नूर, केरल |
मृत्यु | 22 मार्च 1977 |
मृत्यु स्थान | तिरुवनंतपुरम, केरल |
पति/पत्नी | सुशीला गोपालन |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | कम्युनिस्ट नेता |
पार्टी | भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) |
जेल यात्रा | 1932 में दक्षिण के प्रसिद्ध मन्दिर गुरुवयूर में सबके प्रवेश के लिए जो सत्याग्रह चला, उसमें भी गोपालन गिरफ्तार हुए। |
अन्य जानकारी | ए. के. गोपालन 1952, 1957, 1962 और 1971 के चुनावों में वे लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। |
ए. के. गोपालन (अंग्रेज़ी: Ayillyath Kuttiari Gopalan; जन्म- 1 अक्टूबर, 1904, कन्नूर, केरल; मृत्यु- 22 मार्च, 1977, तिरुवनंतपुरम, केरल) भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक और केरल के प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता थे। इन्होंने सात वर्ष तक अध्यापन कार्य भी किया था। निर्धन छात्रों के लिए वे अलग से कक्षाएँ लगाते थे। जब महात्मा गाँधी ने 'सत्याग्रह आन्दोलन' शुरू किया, तब ए. के. गोपालन ने अध्यापक का पद त्याग दिया। वर्ष 1934 में कांग्रेस समाजवादी पार्टी बनने पर वे उसके सदस्य बन गए थे। बाद में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। 1964 में जब कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन हुआ तो गोपालन ने कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में रहना पसन्द किया। अपनी आत्मकथा सहित उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं।
विषय सूची
संक्षिप्त परिचय
ए. के. गोपालन केरल के महान् नेता थे। उनका जन्म 1 अक्टूबर, 1902 ई. में केरल के कन्नूर में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन का आरम्भ एक स्कूली शिक्षक के रूप में किया। वे समाज सुधारक भी थे तथा निम्न वर्गों की स्थिति में सुधार करना चाहते थे। 1932 ई. में 'गुरुवायूर सत्याग्रह' में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही तथा मन्दिर प्रवेश के मुद्दे पर उनकी पिटाई भी हुई। इसके पश्चात्त गोपालन ने पूरे केरल में जनजागरण यात्राएँ कीं। बाद में उनका झुकाव कम्युनिज़्म की तरफ होने लगा तथा वे केरल के सबसे लोकप्रिय कम्युनिस्ट नेता बने। केरल में काँग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थी। उन्होंने ट्रावनकोर के दीवान सी. पी. रामास्वामी अय्यर की निरंकुशता के विरुद्ध जन आन्दोलनों का संचालन किया। स्वतंत्रता के बाद भी वे केरल की राजनीति में सक्रिय रहे।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नागोरी, डॉ. एस.एल. “खण्ड 3”, स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन), 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर, पृष्ठ सं 83।
- ↑ शर्मा 'पर्वतीय', लीलाधर भारतीय चरित कोश, 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ सं 112।