राजाराम किसान
राजाराम किसान
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पूरा नाम | पंडित राजाराम शुक्ल "किसान" |
जन्म | 1917 |
जन्म भूमि | ग्राम देउम, तहसील लालगंज, प्रतापगढ़ |
पति/पत्नी | श्रीमती अमोला देवी |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता संग्राम सेनानी |
पार्टी | काँग्रेस |
पद | विधायक (प्रतापगढ़ के रामपुर ख़ास से) |
कार्य काल | विधायक 1952 (पाँच वर्ष) |
भाषा | हिंदी, अवधी |
जेल यात्रा | 1942 |
विशेष योगदान | भारतीय किसान आन्दोलन |
राजाराम किसान (जन्म: 1917) स्वतंत्रता सेनानी और राजनितिज्ञ है। राजाराम किसान जवाहरलाल नेहरू, गांधीजी और सरोजिनी नायडू जैसे नेताओं के संपर्क में रहे।
स्वतंत्रता संगाम में योगदान
राजाराम किसान ने वर्ष 1930-1931 में अपने साथियों हरिद्वार सिंह, बैजनाथ गुप्ता और दया शंकर सिंह के साथ रेहुआलाल गंज में नमक बनाने का प्रयास किया तो फिरंगी हुकूमत के रंगरूटों ने उन्हें यातना देकर रायबरेली की जेल में ठूंस दिया। तीन माह की जेल काट कर जब यह राष्ट्रभक्त बाहर निकला तो सिर्फ यह चिंता थी कि किस तरह अंग्रेजी हुकूमत को देश से बाहर किया जाय। बकौल राजाराम किसान जब वह किसानों को संगठित कर रहे थे तो अंग्रेजों को इसकी भनक मिल जाती थी। उन्हें गिरफ्तार कर जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था। 14 नवंबर, 1940 को जब वह पं.जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस पर किसानों के हित में भाषण दे रहे थे तो उन्हें 9 माह के लिए जेल में बंद कर दिया। जब 1947 में देश आजाद हुआ तो आंखों में खुशी के आंसू छलछला आए।