पुलिन बिहारी दास
पुलिन बिहारी दास
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पूरा नाम | पुलिन बिहारी दास |
जन्म | 24 जनवरी, 1877 |
जन्म भूमि | फ़रीदपुर, बंगाल |
मृत्यु | 17 अगस्त, 1949, कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
अभिभावक | पिता- नबा कुमार दास |
संतान | तीन पुत्र व दो पुत्रियाँ |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी |
धर्म | हिन्दू |
संबंधित लेख | बारीन्द्र कुमार घोष और विनायक दामोदर सावरकर |
अन्य जानकारी | अंग्रेज़ सरकार द्वारा 'अनुशीलन समिति' को गैर-कानूनी घोषित करने के कारण पुलिन बिहारी दास ने क्रांतिकारी गतिविधियों को संचालित करने के लिए 1920 में "भारत सेवक संघ" की स्थापना की थी। |
पुलिन बिहारी दास (अंग्रेज़ी: Pulin Behari Das, जन्म- 24 जनवरी, 1877, फ़रीदपुर; मृत्यु- 17 अगस्त, 1949, कोलकाता) महान् स्वतंत्रता प्रेमी व क्रांतिकारी थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए "ढाका अनुशीलन समिति" नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की व अनेक क्रांतिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। कलकत्ता विश्वविद्यालय उनके सम्मान में विशेष पदक देता है, जिसका नाम 'पुलिन बिहारी दास स्मृति पदक' है।
विषय सूची
परिचय
पुलिन बिहारी दास का जन्म 24 जनवरी, 1877 को बंगाल के फ़रीदपुर ज़िले में लोनसिंह नामक गाँव में एक मध्यम-वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता नबा कुमार दास मदारीपुर के सब-डिविजनल कोर्ट में वकील थे। उनके एक चाचा डिप्टी मजिस्ट्रेट व एक चाचा मुंसिफ थे। उन्होंने फ़रीदपुर ज़िला स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए ढाका कॉलेज में प्रवेश लिया। कॉलेज की पढ़ाई के दोरान ही वह लेबोरटरी असिस्टेंट व निदर्शक बन गए थे। उन्हें बचपन से ही शारीरिक संवर्धन का बहुत शौक था और वह बहुत अच्छी लाठी चला लेते थे। कलकत्ता में सरला देवी के अखाड़े की सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने भी 1903 में तिकतुली में अपना अखाड़ा खोल लिया। 1905 में उन्होंने मशहूर 'लठियल' (लाठी चलाने में माहिर) "मुर्तजा" से लाठी खेल और घेराबंदी का प्रशिक्षण लिया।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 पुलिन बिहारी दास (हिंदी) bharatkenayak.blogspot.in। अभिगमन तिथि: 23 दिसम्बर, 2016।
- ↑ Basil Copleston Allen