शाहनवाज ख़ां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

शाहनवाज ख़ां (जन्म- 1914, रावलपिंडी) नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निकट सहयोगी और 'आज़ाद हिंद फ़ौज' के जनरल थे। वे एक स्वतंत्रता सेनानी और केंद्र सरकार में मंत्री थे।

परिचय

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निकट सहयोगी और 'आज़ाद हिंद फ़ौज' के जनरल शाहनवाज ख़ां का जन्म 1914 ई. में रावलपिंडी (पश्चिमी पंजाब) में हुआ था। उनके परिवार में सैनिक सेवा की परंपरा थी। शाहनवाज को भी पहले देहरादून और फिर इंडियन मिलिट्री एकेडमी में शिक्षा के लिए भेजा गया और 1935 में कमीशन प्राप्त करके वे ब्रिटिश सेना में प्रविष्ट हुए। 1942 में शाहनवाज कैप्टन की हैसियत से मलेशिया में नियुक्त हुए थे। बाद में शाहनवाज ख़ां कुछ समय तक केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे।[1]

आज़ाद हिंद फ़ौज का गठन

शाहनवाज सहित अनेक भारतीय अफसर और सैनिक तथा बड़ी संख्या में असैनिक इस 'आज़ाद हिंद फ़ौज' में भर्ती हुए। बाद में जर्मनी से पनडुब्बी में जाकर नेताजी ने इस फौज का नेतृत्व अपने हाथ में लिया। इससे लोगों में बढ़ा उत्साह उत्पन्न हुआ और यह सेना मार्ग के संकटों की परवाह किए बिना अंग्रेजी सेना से मोर्चा लेती हुई भारत की ओर बढ़ने लगी।

फौज का समर्पण

'आज़ाद हिंद फ़ौज' ने अंग्रेजी सेना के आगे उस वक्त हथियार डालकर समर्पण कर दिया जब अमेरिका ने युद्ध में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी नगरों को परमाणु बमों से तहस-नहस कर दिया और जापान को पराजय स्वीकार करनी पड़ी। फौज के अधिकारी और जवान गिरफ्तार कर लिए गए। दिल्ली के लाल किले में उन पर मुकदमा चला। इसकी भारतीय सेना पर तीव्र प्रतिक्रिया हुई। सैनिक अपने साथियों की सहायता के लिए चंदा देने लगे। इनके पक्ष के बचाव के लिए वकीलों की उच्च स्तरीय कमेटी बनी। 22 वर्ष के बाद नेहरू जी भी वकील के रूप में अदालत में उपस्थित हुए थे। देश में जो वातावरण बना उसे देखकर भारत की ब्रिटिश सरकार को शाहनवाज ख़ां और उनके साथियों को रिहा कर देना पड़ा था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 840 |

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख