केरल
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केरल
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राजधानी | तिरुवनन्तपुरम |
राजभाषा(एँ) | मलयालम भाषा |
स्थापना | 1 नवंबर, 1956 |
जनसंख्या | 3,33,87,677[1] |
· घनत्व | 859[1] /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 38,863 वर्ग किमी |
भौगोलिक निर्देशांक | 8.5074°N 76.972 °E |
· ग्रीष्म | 36.7 °C |
· शरद | 19.8 °C |
ज़िले | 14[1] |
मुख्य पर्यटन स्थल | कोवलम, वरकला, अलप्पुझा, बेक्कल, मुन्नार, कन्नूर |
लिंग अनुपात | 1000:1,084[1] ♂/♀ |
साक्षरता | 93.91 [1]% |
· स्त्री | 91.98% |
· पुरुष | 96.02% |
राज्यपाल | आरिफ़ मोहम्मद ख़ान[1] |
मुख्यमंत्री | पिनाराई विजयन |
लोकसभा क्षेत्र | 20[1] |
राज्यसभा सदस्य | 9[1] |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 16:55, 9 जून 2016 (IST)
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केरल एक भारतीय राज्य, जो भारत के दक्षिण-पश्चिम सीमा पर स्थित है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। केरल को 'भारत का मसालों का बगीचा' कहा जाता है। यह मलय पर्वत की क्रोड में बसा हुआ प्रदेश है, जिसमें भूतपूर्व त्रावणकोर और कोचीन की रियासतें सम्मिलित हैं।[2]
इतिहास
"पांड्यांश्च द्रविडाश्चैव सहितांश्चोड्र केरलै:
आंध्रास्तालवनांश्चैव कलिंगानुष्ट्रकर्णिकान्।"
- महाभारत सभापर्व 51 में केरल और चोल नरेशों द्वारा युधिष्ठिर को दी गई चंदन, अगुरु, मोती, वैदूर्य तथा चित्रविचित्र रत्नों की भेंट का उल्लेख है-
"चंदनागरु चानन्तं मुक्तावैदूर्यचित्रका:
चोलश्च केरलश्चोभौ ददतु: पांडवाय वै"।
- केरल तथा दक्षिण के अन्य प्रदेशों को सहदेव ने अपनी दिग्विजय यात्रा के दौरान जीता था।
- 'रघुवंश'[4] में कालिदास ने केरल का उल्लेख इस प्रकार किया है-
"भयोत्सृष्टविभूषाणां तेन केरलयोषिताम्
अलकेषु चमूरेणश्चूर्णप्रतिनिधी कृत:"
अर्थात् "दिग्विजय के लिए निकली हुई रघु की सेनाओं के केरल पहुंचने पर केरल की युवतियों, जिन्होंने भय से सारे विभूषण त्याग दिए थे, की अलकों में सेना की उड़ाई हुई धूलि ने प्रसाधन के चूर्ण का काम किया।
- सम्राट अशोक के शिलालेख 2 में पांड्य, सातियपुत्र और केरल राज्यों का उल्लेख है। ताम्रपर्णी नदी तक इनका विस्तार माना गया है।
- परवर्ती काल में केरल को 'चेर' भी कहा जाता था, जो केरल का रूपांतर मात्र है।
केरल की मुख्य नदियाँ 'मुरला', 'ताम्रपर्णी', 'नेत्रवती' और 'सरस्वती' आदि हैं। इतिहासकार हेमचंद्र रायचौधरी के अनुसार उड़ीसा में महानदी के तट पर स्थित वर्तमान सोनपुर के पास के प्रदेश को भी केरल कहते थे, क्योंकि यहाँ स्थित 'ययाति नगरी' से केरल युवतियों का सम्बंध धोई कवि ने अपने 'पवनदूत' नामक काव्य में बताया है; किंतु यह तथ्य संदेहास्पद है।[2]
राज्य का निर्माण
स्वतंत्र भारत में जब छोटी-छोटी रियासतों का विलय हुआ, तब त्रावनकोर तथा कोचीन रियासतों को मिलाकर 1 जुलाई, 1949 को 'त्रावनकोर कोचीन' राज्य बना दिया गया, लेकिन मालाबार मद्रास प्रांत (वर्तमान चेन्नई) के अधीन ही रहा। 'राज्य पुनर्गठन अधिनियम', 1956 के अंतर्गत 'त्रावनकोर-कोचीन राज्य तथा मालाबार' को मिलाकर 1 नवंबर, 1956 को 'केरल राज्य' का निर्माण किया गया। हिन्दुओं और मुसलमानों के अतिरिक्त यहाँ ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग कि.मी. है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 1.7 Home (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) केरल की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2014।
- ↑ 2.0 2.1 ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 223-224 |
- ↑ सभापर्व 31, 71
- ↑ 4, 54