लक्षद्वीप
लक्षद्वीप
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राजधानी | कवरत्ती |
राजभाषा(एँ) | मलयालम, अंग्रेज़ी, माहल (मिनिकॉय में बोली जाने वाली भाषा) |
स्थापना | 1 नवंबर, 1956 |
जनसंख्या | 64,429[1] (पुरुष- 33,106; महिला- 31,323) |
· घनत्व | 2013 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी। /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 32 वर्ग किमी |
भौगोलिक निर्देशांक | 8°-12° 13' उत्तरी अक्षांश 71° - 74° पूर्वी देशान्तर[2] |
जलवायु | उष्णकटिबंधीय |
· ग्रीष्म | 32 °C |
· शरद | 28 °C |
वर्षा | 241.8 मिमी (अधिकतम) मिमी |
ज़िले | 1 (लक्षद्वीप) |
सबसे बड़ा नगर | अन्दरोत |
लिंग अनुपात | 1000:946 ♂/♀ |
साक्षरता | 92.18% |
उच्च न्यायालय | केरल उच्च न्यायालय |
प्रशासक | दिनेश्वर शर्मा |
लोकसभा क्षेत्र | 1 |
राजकीय पशु | सूरी टेम |
राजकीय पक्षी | सूरी टेम |
राजकीय वृक्ष | ब्रेड फ्रूट |
वर्तमान सांसद | मोहम्मद फ़ैज़ल (एनसीपी) |
वाहन पंजीकरण | LD |
कुल द्वीपों की संख्या | 36 (मानव बस्ती वाले 10 द्वीप- अंदरौत, कदमत, मिनिकॉय, कवरत्ती, अगत्ती, अमिनि, कल्पेनी, किल्टन, चेटलाट एवं बित्रा) |
अन्य जानकारी | लक्षद्वीप में विधानमंडल नहीं है। लक्षद्वीप सर्वाधिक साक्षरता वाला संघ शासित राज्य है। |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 14:54, 23 अगस्त 2017 (IST)
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लक्षद्वीप (अंग्रेज़ी: Lakshadweep) (संस्कृत: लक्ष: लाख, + द्वीप) भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। सभी केन्द्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सबसे छोटा है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह की उत्पत्ति प्राचीन काल में हुए ज्वालामुखीय विस्फोट से निकले लावा से हुई है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 400 किमी दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में अवस्थित है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है परन्तु केवल 7 द्वीपों पर ही जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है। मुख्य भूमि से दूर इनका प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर समुद्र और इसकी पारदर्शी सतह पर्यटकों को सम्मोहित कर लेती है। समुद्री जल में तैरती मछलियाँ इन द्वीपों की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। हर द्वीप पर नारियल व पाम के झूमते हरे-भरे वृक्ष, और समुद्र जिसका नीला पानी अनोखी पवित्रता का अहसास कराता है।
लक्षद्वीप भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप हैं। इन द्वीपों की श्रृंखला मूँगा एटोल है। एटोल मूँगे के द्वारा बनाया गई ऐसी रचना है जो समुद्र की सतह पर पानी और हवा मिलने पर बनती है। केवल इन्हीं परिस्थतियों में मूँगा जीवित रह सकता है। यहाँ के निवासी केरल के निवासियों से बहुत मिलते-जुलते हैं। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। अब केंद्र सरकार इन द्वीपों का पर्यटन की दृष्टि से तेज़ीसे विकास कर रही है। लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती है।
इतिहास और भूगोल
इन द्वीपों के बारे में, इनके पूर्व इतिहास के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। समझा जाता है कि पहले-पहल लोग आकर अमीनी, अनद्रौत, कवरत्ती और अगात्ती द्वीपों पर बस गये। पहले यह विश्वास किया जाता था कि द्वीप में आकर बसने वाले मूल लोग हिन्दू थे और लगभग 14वीं शताब्दी में किसी समय अरब व्यापारियों के प्रभाव में आकर मुसलमान बन बए। परंतु हाल ही में पुरातत्वीय खोजों से पता चलता है कि लगभग छठी या सातवीं शताब्दी के आसपास यहाँ बौद्ध रहते थे। सर्वप्रथम इस्लाम धर्म को अपनाने वाले जिन लोगों और निवासियों का पता चलता है वे हिजरी वर्ष 139 (आठवीं शताब्दी) के समय के मालूम होते हैं। इस तारीख का पता अगात्ती में हाल में खोजे गए मक़बरोंं के पत्थरों पर खुदी तारीखों से लगता है। स्थानीय पंरपरागत मान्यताओं के अनुसार, इस द्वीप में अरब सूफी अबैदुल्ला हिजरी सन् 41 में इस्लाम को लेकर आए।
सम्भवत: 16वीं शताब्दी तक स्वतंत्र इन द्वीपों में बसने वाले लोगों को पुर्तग़ालियों के उपनिवेशों के आधिपत्य से मुक्ति पाने के लिए चिरक्कल के राजा की सहायता लेनी पडी। इससे वह यहाँ अपनी प्रभुत्व जमा सका और बाद में इन द्वीपों को कन्नानूर में मोपला समुदाय के प्रमुख अली राजा को जागीर के रूप में सौंप दिया, वह बाद में स्वतंत्र शासक बन बैठा। अरक्कल शासन लोकप्रिय नहीं हुआ और 1787 में टीपू सुल्तान ने इन द्वीपों पर कब्जा करने की उत्तर के द्वीपवासियों की याचिका को स्वीकार कर लिया। टीपू सुल्तान के पतन के बाद ये द्वीप ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार में दे दिए गए, परंतु इन पर कन्नानूर के शासक वस्तुत: तब तक शासन करते रहे जब तक कि अंतत: 20वीं शताब्दी के आरंभ में अंग्रेज़ों ने इन पर कब्जा नहीं कर लिया। 1956 में इन द्वीपों को मिलाकर 'केंद्रशासित प्रदेश' बना दिया गया और तबसे इसका शासन केंद्र सरकार के प्रशासक के माध्यम से चल रहा है। 'सन 1973 में लक्का दीव, मिनीकाय और अमीनदीवी द्वीपसमूहों का नाम लक्षद्वीप कर दिया।' लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का एक समूह है जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, तीन प्रवाल भित्ति और जलमग्न बालू के तट शामिल हैं। यहाँ के कुल 27 द्वीपों में से 11 में आबादी है। ये द्वीप उत्तर में 8 डिग्री और 12 डिग्री, 3, अक्षांश पर तथा पूर्व में 71 डिग्री और 74 डिग्री देशांतर पर केरल तट से लगभग 280 से 480 किमी दूर अरब सागर में फैले हुए हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जनगणना 2011 के अनुसार
- ↑ Lakshadweep - At a Glance (अंग्रेज़ी) (पी.एच.पी) लक्षद्वीप की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2017।