चौधरी देवी लाल
चौधरी देवी लाल
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पूरा नाम | चौधरी देवी लाल |
जन्म | 25 सितंबर, 1914 |
जन्म भूमि | ज़िला सिरसा, हरियाणा |
मृत्यु | 6 अप्रॅल, 2001 |
अभिभावक | चौधरी लेखराम (पिता), श्रीमती शुंगा देवी (माता) |
पति/पत्नी | श्रीमती हरखी देवी |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | किसानों के मसीहा, हरियाणा के जन्मदाता और राजनीति के भीष्म पितामह के रूप में ख्याति प्राप्त हैं। |
पद | भूतपूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा |
भाषा | हिन्दी |
जेल यात्रा | जन आन्दोलन और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल यात्राएँ कीं। |
अन्य जानकारी | देवी लाल जी ने सन् 1977 से 1979 तथा 1987 से 1989 तक हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में जनकल्याणकारी नीतियों के माध्यम से पूरे देश को एक नई राह दिखाई। केन्द्र में प्रधानमंत्री के पद को ठुकरा कर भारतीय राजनीतिक इतिहास में त्याग का नया आयाम स्थापित किया। |
विषय सूची
जन्म
चौधरी देवी लाल का जन्म 25 सितंबर, 1914 को हरियाणा के सिरसा ज़िले में हुआ। इनके पिता का नाम चौधरी लेखराम, माँ का नाम श्रीमती शुंगा देवी और पत्नी का नाम श्रीमती हरखी देवी है।
आरंभिक जीवन
चौधरी देवी लाल ने अपने स्कूल की दसवीं की पढ़ाई छोड़कर सन् 1929 से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। चौ. देवीलाल ने सन् 1929 में लाहौर में हुए कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन में एक सच्चे स्वयं सेवक के रूप में भाग लिया और फिर सन् 1930 में आर्य समाज ने नेता स्वामी केशवानन्द द्वारा बनाई गई नमक की पुड़िया ख़रीदी, जिसके फलस्वरूप देशी नमक की पुड़िया ख़रीदने पर चौ. देवीलाल को हाईस्कूल से निकाल दिया गया। इसी घटना से प्रभाविक होकर देवी लाल जी स्वाधीनता संघर्ष में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। देवी लाल जी ने देश और प्रदेश में चलाए गए सभी जन-आन्दोलनों एवं स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसके लिए इनको कई बार जेल यात्राएं भी करनी पड़ीं।