गोकुल चंद धाकड़ भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। अपने संगीत के माध्यम से इन्होंने लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने का प्रयास किया। कई आंदोलनों में आपने भाग लिया और जेल की सज़ा काटी।
- इनका जन्म बेंगू तहसील के शादी नामक गांव में हुआ था।
- बेंगू में किसान आंदोलन के दौरान गोकुल चंद धाकड़ ने संगीत के माध्यम से लोगों में राष्ट्रीय चेतना जागृत करने का प्रयास किया।
- तत्कालीन शासकों ने प्रजामंडल के कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें बागी घोषित कर दिया गया। गोकुल चंद धाकड़ को कई बार जेल जाना पड़ा।
- सन 1942 में गोकुल चंद धाकड़ ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। उस समय उनकी आयु 71 वर्ष की थी।
- 1972 में भारत सरकार ने गोकुल चंद धाकड़ को ताम्रपत्र एवं पेंशन देकर सम्मानित किया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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