अरुण चन्द्र गुहा
अरुण चन्द्र गुहा
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पूरा नाम | अरुण चन्द्र गुहा |
जन्म | 14 मई, 1892 |
जन्म भूमि | बारीसाल, बंगाल |
पति/पत्नी | अविवाहित |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ |
जेल यात्रा | सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के कारण जून, 1946 तक जेल की सज़ा काटी। |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जुगांतर क्रांतिकारी पार्टी |
लोकसभा सांसद | 1952, 1957 और 1962 |
अन्य जानकारी | अरुण चन्द्र गुहा ने ऐतिहासिक और पौराणिक विषयों पर अनेक रचनाएँ की थीं। क्रांतिकारी आंदोलन संबंधी उनकी पुस्तक 'फ़र्स्ट स्पार्क ऑफ़ रेवोल्यूशन' बहुत प्रसिद्ध हुई थी। |
जन्म तथा शिक्षा
अरुण चन्द्र गुहा का जन्म 14 मई, 1892 को बारीसाल (बगांल) में हुआ था। उन्होंने बारीसाल से ही अपनी स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वे क़ानून की शिक्षा ग्रहण करने के लिए कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) आ गए। पंरतु कलकत्ता में उनका मन क़ानून के अध्ययन में नहीं लगा और वे देश की आज़ादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने लगे।
महापुरुषों का प्रभाव
महापुरुष रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानन्द के विचारों से अरुण गुहा बहुत प्रभावित थे। 'गीता' के निष्काम कर्मयोग को उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया था। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय के 'आनंदमठ' से भी वे प्रभावित हुए। 'बंग भंग' के विरोध में जो स्वदेशी आंदोलन आंरभ हुआ, 1906 में अरुण गुहा उसमें सम्मिलित हो गए।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 48 |