भगवान दास
भगवान दास
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पूरा नाम | डॉ. भगवान दास |
जन्म | 12 जनवरी, 1869 |
जन्म भूमि | वाराणसी |
मृत्यु | 18 दिसम्बर, 1972 |
अभिभावक | श्री साह माधव दास |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतन्त्रता सेनानी, क्रान्तिकारी, लेखक, शिक्षा विशेषज्ञ |
शिक्षा | एम.ए (दर्शन शास्त्र) |
विद्यालय | क्वींस कॉलेज वाराणसी |
भाषा | हिन्दी, अरबी, उर्दू, संस्कृत, फ़ारसी आदि। |
पुरस्कार-उपाधि | भारत रत्न |
भगवान दास (अंग्रेज़ी: Bhagwan Das, जन्म- 12 जनवरी, 1869 वाराणसी; मृत्यु- 18 सितम्बर 1958) को विभिन्न भाषाओं के प्रकांड पंडित, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सेवी और शिक्षा शास्त्री के रूप में, देश की भाषा, संस्कृति को सुदृढ़ बनने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले, स्वतंत्र और शिक्षित भारत के मुख्य संस्थापकों में गिना जाता है।
जन्म
डॉ. भगवान दास का जन्म 12 जनवरी, 1869 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम साह माधव दास था। वे वाराणसी के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और धनी व्यक्तियों में गिने जाते थे। धन और प्रतिष्ठा से डॉ. भगवान दास का संबंध उनके पूर्वजों के समय से ही था। कहा जाता है कि डॉ. भगवान दास के पूर्वज बड़े ही दानी और देशभक्त थे। इन सभी गुणों के साथ साथ वह कुशल व्यापारी भी थे। उन्होंने अंग्रेज़ों के साथ मिलकर अथाह सम्पत्ति एकत्र कर ली थी। धनी और प्रतिष्ठित पतिवार में जन्म लेने के बाद भी डॉ. भगवान दास बचपन से ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति के सांचे में ढले थे।
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