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विशेष आलेख
अल्ज़ाइमर रोग से पीड़ित एक वृद्ध औरत

        अल्ज़ाइमर / एल्ज़ाइमर / विस्मृति रोग (भूलने का रोग) वृद्धावस्था का एक असाध्य रोग माना गया है। यह याददाश्त को प्रभावित करने वाली एक मानसिक गड़बड़ी है, जिसे डिमेंशिया कहा जाता है। अल्ज़ाइमर इसी मानसिक गड़बड़ी का सबसे सामान्य रूप है। सन 1906 में जर्मन के डॉ. ओलोए अल्जीमीर ने एक महिला के दिमाग के परीक्षण में पाया कि उसमें कुछ गांठे पड़ गई हैं, जिन्हें चिकित्सक ‘प्लेट’ कहते हैं। यही रोग उस डॉ. के नाम पर अल्ज़ाइमर रोग कहलाया जाने लगा। अल्ज़ाइमर व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली बीमारी होती है। इस बीमारी से ग्रसित होने के कई वर्ष बाद इसका लक्षण दिखाई देता है। इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, जिसमें रोगी धीरे-धीरे सब कुछ भूलने लग जाता है। यहाँ तक कि वह स्वयं को भी भूल जाता है। ज़्यादा बढ़ जाने पर व्यक्ति अपनी याददाश्त पूरी तरह से गंवा देता है। अल्ज़ाइमर पीड़ित बुजुर्ग छोटी-छोटी बातों को भूलने लगते हैं। 60 या 65 वर्ष पार करते करते अक्सर लोगों को इस बीमारी का शिकार होना पड़ता है। इसके बाद हर दस साल में अल्ज़ाइमर के मरीज़ों में वृद्धि होती जाती है। कम उम्र के लोगों में अमूमन यह नहीं होता है। .... और पढ़ें

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        रंग [शुद्ध: रङ्‌ग] अथवा वर्ण का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं। मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है, ये सात रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला तथा बैंगनी हैं। रंगों की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्रोत सूर्य का प्रकाश है। प्रिज़्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है जिसे सूक्ष्म रूप अंग्रेज़ी भाषा में VIBGYOR और हिन्दी में बैं जा नी ह पी ना ला कहा जाता है। रंग हज़ारों वर्षों से हमारे जीवन में अपनी जगह बनाए हुए हैं। जहाँ आजकल कृत्रिम रंगों का उपयोग जोरों पर है वहीं प्रारंभ में लोग प्राकृतिक रंगों को ही उपयोग में लाते थे। उल्लेखनीय है कि मोहन जोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई में सिंधु घाटी सभ्यता की जो चीज़ें मिलीं उनमें ऐसे बर्तन और मूर्तियां भी थीं, जिन पर रंगाई की गई थी। .... और पढ़ें

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ऑस्ट्रेलियाई भौतिकीविद् मार्क ओलिफ़ेंट के साथ होमी जहाँगीर भाभा

ऑस्ट्रेलियाई भौतिकीविद् मार्क ओलिफ़ेंट के साथ होमी जहाँगीर भाभा (1954)

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