करवा चौथ
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अन्य नाम
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करक चतुर्थी
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अनुयायी
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हिन्दू भारतीय, भारतीय प्रवासी
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उद्देश्य
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सौभाग्यवती स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं।
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प्रारम्भ
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पौराणिक काल
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तिथि
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कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी
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संबंधित लेख
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अहोई अष्टमी, हरियाली तीज
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सरगी
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सास (पति की माँ) अपनी बहू को सरगी भेजती है। सरगी में मिठाई, फल, सेवइयां आदि होती है। इसका सेवन महिलाएं करवाचौथ के दिन सूर्य निकलने से पहले करती हैं।
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अन्य जानकारी
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करवा चौथ व्रत को रखने वाली स्त्रियों को प्रात:काल स्नान आदि के बाद आचमन करके पति, पुत्र-पौत्र तथा सुख-सौभाग्य की इच्छा का संकल्प लेकर इस व्रत को करना चाहिए।
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करवा चौथ (अंग्रेज़ी: Karva Chauth) का पर्व भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मुख्य रूप से मनाया जाता है। करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। करवा चौथ स्त्रियों का सर्वाधिक प्रिय व्रत है। यों तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी और चंद्रमा का व्रत किया जाता है। परंतु इनमें करवा चौथ का सर्वाधिक महत्त्व है। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अटल सुहाग, पति की दीर्घ आयु, स्वास्थ्य एवं मंगलकामना के लिए यह व्रत करती हैं। वामन पुराण में करवा चौथ व्रत का वर्णन आता है।