विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी
| |
अन्य नाम | विनायक चतुर्थी को 'गणेशोत्सव' के रूप में सारे विश्व में हर्षोल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। |
अनुयायी | हिंदू, प्रवासी भारतीय |
प्रारम्भ | पौराणिक काल |
तिथि | प्रत्येक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी |
उत्सव | इस दिन लोग मौहल्लों और चौराहों पर प्रथम पूज्य भगवान गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करते है। |
संबंधित लेख | गणेश, गणेश चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी |
विशेष | 'विनायक चतुर्थी' के उत्सव को महाराष्ट्र का मुख्य पर्व भी कहा जा सकता है। |
अन्य जानकारी | अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। |
विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। यह पर्व हिन्दू धर्म के मानने वालों का मुख्य पर्व है। विनायक चतुर्थी को 'गणेशोत्सव' के रूप में सारे विश्व में हर्षोल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भारत में इसकी धूम यूं तो सभी प्रदेशों में होती है, परन्तु विशेष रूप से यह महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
विनायक, संकष्टी एवं गणेश चतुर्थी
हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती है। हिन्दू धर्मग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। हालाँकि विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने में होता है लेकिन सबसे मुख्य विनायक चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है। भाद्रपद के दौरान पड़ने वाली विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। सम्पूर्ण विश्व में गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 विनायक चतुर्थी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 जून, 2014।
- ↑ कृत्यकल्पतरु(व्रतखण्ड 79, भविष्य पुराण 1|22|1-2 का उद्धरण); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 519-520
- ↑ धर्मशास्त्र खण्ड 4, गणेश चतुर्थी (गत अध्याय 8
संबंधित लेख
|