बुद्ध द्वादशी

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • श्रावण शुक्ल द्वादशी को यह व्रत किया जाता है।
  • तिथि; गंध आदि से बुद्ध की स्वर्णिम प्रतिमा का पूजन किया जाता है।
  • ब्राह्मण को दान किया जाता है।
  • शुद्धोदन ने यह व्रत किया था, अतः स्वयं विष्णु उसे पुत्र के रूप में प्राप्त हुए[1]; [2]; [3]
  • बृहत्संहिता[4] जहाँ बुद्ध प्रतिमा के निर्माण के लिए विधि दी हुई है।





टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रत0 331-332
  2. हेमाद्रि (व्रत0 1, 1037-1038, वराहपुराण से धरणी व्रत के रूप में उद्धृत)।
  3. कृत्यरत्नाकर (247-248
  4. बृहत्संहिता (57|44

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