- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत माघ की अष्टमी पर करना चाहिए।
- एकादशी या चतुर्दशी पर एकभक्त रहना चाहिए।
- श्वेत वस्त्रों, चप्पलों (पादुकाओं), कम्बल, छत्र, जल तथा पात्र का अभावग्रस्त व्यक्ति को दान करना चाहिए।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 440, भविष्यपुराण से उद्धरण)।
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