- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- हेमाद्रि[1], कालनिर्णय[2], पुरुषार्थचिन्तामणि[3] और व्रतराज[4] में इसका उल्लेख है।
- हेमाद्रि ने 11 नाम दिये हैं, किन्तु कृत्यकल्पतरु[5] ने केवल एक ही व्रत का उल्लेख किया है, यथा-सार्वभौमव्रत।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 963-983);
- ↑ कालनिर्णय (230-233);
- ↑ पुरुषार्थचिन्तामणि (142-148);
- ↑ व्रतराज (352-361
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड, 309
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