नाग व्रत

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर यह व्रत किया जाता है।
  • उस दिन उपवास रखा जाता है।
  • शंखपाल एवं अन्य नागों की पुष्पों, चन्दन लेप से पूजा तथा प्रातः एवं मध्याह्न में दूध से उन्हें सन्तुष्ट करा जाता है।
  • इससे सर्पों से हानि नहीं होती है।
  • अन्य मतों के अनुसार कमलदलों पर पंचमी को नागप्रतिमा की पुष्पों, मन्त्रों आदि तथा घी, दही एवं मधु की धारा से पूजा की जाती है।
  • होम भी कराया जाता है।
  • विष से छुटकारा प्राप्त होता है।
  • पुत्र, पत्नि एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 572, भविष्य पुराण से उद्धरण)।

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