- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- आश्विन शुक्ल पक्ष के अन्तिम दिन से माघ शुक्ल सप्तमी तक ये व्रत किया जाता है।
- इस व्रत में नारायण की पूजा की जाती है।
- यह पूजा 5 वर्षों तक की जाती है।
- प्रत्येक वर्ष में निर्धारित ढंग से पाँच प्रस्थ-चावल, गेहूँ, नमक, तिल, माष का दान किया जाता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ व्रतार्क (पाण्डुलिपि 362-बी—365ए
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