"ताजिक": अवतरणों में अंतर
(''''ताजिक''' सोवियत रूसी मध्यवर्ती एशिया का दक्षिण-पूर्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=ताजिक|लेख का नाम=ताजिक (बहुविकल्पी)}} | |||
'''ताजिक''' सोवियत रूसी मध्यवर्ती एशिया का दक्षिण-पूर्वी भाग है। यह एक जनतंत्र पर्वतीय प्रदेश है। यहाँ का मुख्य नगर तथा राजधानी स्टालिनाबाद या दुशंबे है, जो 811 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। लेनिनाबाद प्राचीन नगर है, जो फ़रगाना घाटी के मुख पर रेलमार्ग पर स्थित है। ताजिक में ज़्यादातर पर्वत श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में विस्तारित हैं। यद्यपि ताजिक में [[गेहूँ]], [[कपास]], [[फल]] और [[जौ]] आदि की [[कृषि]] होती है, फिर भी पशुपालन ही यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। इस क्षेत्र से [[खनिज|खनिज पदार्थ]] भी प्राप्त किये जाते हैं, जो [[फ़रगना]] की घाटी में मिलते हैं। | '''ताजिक''' सोवियत रूसी मध्यवर्ती एशिया का दक्षिण-पूर्वी भाग है। यह एक जनतंत्र पर्वतीय प्रदेश है। यहाँ का मुख्य नगर तथा राजधानी स्टालिनाबाद या दुशंबे है, जो 811 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। लेनिनाबाद प्राचीन नगर है, जो फ़रगाना घाटी के मुख पर रेलमार्ग पर स्थित है। ताजिक में ज़्यादातर पर्वत श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में विस्तारित हैं। यद्यपि ताजिक में [[गेहूँ]], [[कपास]], [[फल]] और [[जौ]] आदि की [[कृषि]] होती है, फिर भी पशुपालन ही यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। इस क्षेत्र से [[खनिज|खनिज पदार्थ]] भी प्राप्त किये जाते हैं, जो [[फ़रगना]] की घाटी में मिलते हैं। | ||
==सीमाएँ तथा क्षेत्रफल== | ==सीमाएँ तथा क्षेत्रफल== | ||
पंक्ति 5: | पंक्ति 7: | ||
ताजिक जनतंत्र पर्वतीय प्रदेश है। इसकी अधिकांश पर्वत श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हुई हैं, जिसकी हिम से आच्छादित नदियों से अधिकांश नदियाँ निकलती हैं, जिनकी घाटियाँ 3,500 से 4,500 मीटर ऊँची हैं। इस प्रदेश की मुख्य नदियों की घाटियाँ 'हिसार' तथा 'वक्ष' बहुत ही गर्म तथा शुष्क हैं, किंतु पर्वतीय ढालों पर कुछ [[वर्षा]] हो जाती है। | ताजिक जनतंत्र पर्वतीय प्रदेश है। इसकी अधिकांश पर्वत श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हुई हैं, जिसकी हिम से आच्छादित नदियों से अधिकांश नदियाँ निकलती हैं, जिनकी घाटियाँ 3,500 से 4,500 मीटर ऊँची हैं। इस प्रदेश की मुख्य नदियों की घाटियाँ 'हिसार' तथा 'वक्ष' बहुत ही गर्म तथा शुष्क हैं, किंतु पर्वतीय ढालों पर कुछ [[वर्षा]] हो जाती है। | ||
====कृषि==== | ====कृषि==== | ||
[[कृषि]] कार्य मुख्य रूप से इन घाटियों में ही होता है। इन्हीं घाटियों में सिंचाई द्वारा [[कपास]], चारा, [[धान]], [[फल]], शहतूत आदि की खेती होती है। कपास मुख्य रूप से वक्ष की घाटी में ही होता है। पूर्व की ओर स्थित पामीर का पठारी भाग अधिक ऊँचा, ठंढा तथा शुष्क है। यहाँ की प्रधान फसलें [[गेहूँ]] तथा [[जौ]] हैं। पशुपालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। | [[कृषि]] कार्य मुख्य रूप से इन घाटियों में ही होता है। इन्हीं घाटियों में सिंचाई द्वारा [[कपास]], चारा, [[धान]], [[फल]], शहतूत आदि की खेती होती है। कपास मुख्य रूप से वक्ष की घाटी में ही होता है। पूर्व की ओर स्थित [[पामीर]] का पठारी भाग अधिक ऊँचा, ठंढा तथा शुष्क है। यहाँ की प्रधान फसलें [[गेहूँ]] तथा [[जौ]] हैं। पशुपालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। | ||
;खनिज | ;खनिज | ||
ताजिक से प्राप्त होने वाले खनिज पदार्थों में [[सोना]], [[टिन]], [[सीसा]], खनिज तेल, [[कोयला]], [[नमक]] आदि हैं, जो विशेष रूप से [[फ़रगना]] की घाटी में पाए जाते हैं। | ताजिक से प्राप्त होने वाले खनिज पदार्थों में [[सोना]], [[टिन]], [[सीसा]], खनिज तेल, [[कोयला]], [[नमक]] आदि हैं, जो विशेष रूप से [[फ़रगना]] की घाटी में पाए जाते हैं। | ||
पंक्ति 11: | पंक्ति 13: | ||
क्रांति के पूर्व ताजिक में उद्योग नहीं थे, परंतु अब स्टालिनाबाद में सूती वस्त्र उद्योग के बड़े-बड़े कारखानें हैं। अन्य प्रसिद्ध उद्योगों में चमड़ा साफ करने एवं सिलाई की मशीन बनाने के कारखाने मुख्य हैं। लेनिनाबाद रेशम तथा [[फल]] संबंधी उद्योग धंधों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ से सूखे मेवे, मुख्यत: किशमिश तथा खुबानी आदि [[रूस]] के विभिन्न भागों में भेजे जाते है। | क्रांति के पूर्व ताजिक में उद्योग नहीं थे, परंतु अब स्टालिनाबाद में सूती वस्त्र उद्योग के बड़े-बड़े कारखानें हैं। अन्य प्रसिद्ध उद्योगों में चमड़ा साफ करने एवं सिलाई की मशीन बनाने के कारखाने मुख्य हैं। लेनिनाबाद रेशम तथा [[फल]] संबंधी उद्योग धंधों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ से सूखे मेवे, मुख्यत: किशमिश तथा खुबानी आदि [[रूस]] के विभिन्न भागों में भेजे जाते है। | ||
==यातायात== | ==यातायात== | ||
ऊँचे [[पर्वत|पर्वतों]] के कारण यातायात की सुविधाएँ ताजिक में सीमित हैं तथा सड़कें ऊँचे-ऊँचे दर्रों से गुजरती हैं। लेनिनबाद-स्टालिनाबाद मोटर मार्ग हिसार और तुर्किस्तान के पर्वतों को 3,000 मीटर से भी अधिक ऊँचाई पर पार करता है। दूसरा प्रसिद्ध मोटर मार्ग ओशखोरोग है, जिसे पामीर पर्वत के 4,000 मीटर से भी अधिक ऊँचे भाग से गुजरना पड़ता है। | ऊँचे [[पर्वत|पर्वतों]] के कारण यातायात की सुविधाएँ ताजिक में सीमित हैं तथा सड़कें ऊँचे-ऊँचे दर्रों से गुजरती हैं। लेनिनबाद-स्टालिनाबाद मोटर मार्ग हिसार और तुर्किस्तान के पर्वतों को 3,000 मीटर से भी अधिक ऊँचाई पर पार करता है। दूसरा प्रसिद्ध मोटर मार्ग ओशखोरोग है, जिसे [[पामीर|पामीर पर्वत]] के 4,000 मीटर से भी अधिक ऊँचे भाग से गुजरना पड़ता है। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 20: | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://hindi.indiawaterportal.org/node/33935 ताजिक] | *[http://hindi.indiawaterportal.org/node/33935 ताजिक] | ||
*http://hindi.cri.cn/1/2008/01/04/[email protected] पामीर पठार पर ताजिक लोग] | *[http://hindi.cri.cn/1/2008/01/04/[email protected] पामीर पठार पर ताजिक लोग] | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{विदेशी स्थान}} | {{विदेशी स्थान}} |
06:27, 6 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
![]() |
एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- ताजिक (बहुविकल्पी) |
ताजिक सोवियत रूसी मध्यवर्ती एशिया का दक्षिण-पूर्वी भाग है। यह एक जनतंत्र पर्वतीय प्रदेश है। यहाँ का मुख्य नगर तथा राजधानी स्टालिनाबाद या दुशंबे है, जो 811 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। लेनिनाबाद प्राचीन नगर है, जो फ़रगाना घाटी के मुख पर रेलमार्ग पर स्थित है। ताजिक में ज़्यादातर पर्वत श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में विस्तारित हैं। यद्यपि ताजिक में गेहूँ, कपास, फल और जौ आदि की कृषि होती है, फिर भी पशुपालन ही यहाँ का मुख्य व्यवसाय है। इस क्षेत्र से खनिज पदार्थ भी प्राप्त किये जाते हैं, जो फ़रगना की घाटी में मिलते हैं।
सीमाएँ तथा क्षेत्रफल
पूर्व की ओर ताजिक की सीमा चीन के शिंज़ियांग प्रांत से तथा दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान से मिलती है। दक्षिणी सीमा के साथ-साथ आमू नदी बहती है। इस जनतंत्र का क्षेत्रफल 1,43,100 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ की संपूर्ण जनसंख्या में 75 प्रतिशत ताजिक जाति के लोग हैं। शेष जनसंख्या रूसी, खिरगीज एवं उजबेक लोगों की है।
नदी-घाटिया
ताजिक जनतंत्र पर्वतीय प्रदेश है। इसकी अधिकांश पर्वत श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हुई हैं, जिसकी हिम से आच्छादित नदियों से अधिकांश नदियाँ निकलती हैं, जिनकी घाटियाँ 3,500 से 4,500 मीटर ऊँची हैं। इस प्रदेश की मुख्य नदियों की घाटियाँ 'हिसार' तथा 'वक्ष' बहुत ही गर्म तथा शुष्क हैं, किंतु पर्वतीय ढालों पर कुछ वर्षा हो जाती है।
कृषि
कृषि कार्य मुख्य रूप से इन घाटियों में ही होता है। इन्हीं घाटियों में सिंचाई द्वारा कपास, चारा, धान, फल, शहतूत आदि की खेती होती है। कपास मुख्य रूप से वक्ष की घाटी में ही होता है। पूर्व की ओर स्थित पामीर का पठारी भाग अधिक ऊँचा, ठंढा तथा शुष्क है। यहाँ की प्रधान फसलें गेहूँ तथा जौ हैं। पशुपालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय है।
- खनिज
ताजिक से प्राप्त होने वाले खनिज पदार्थों में सोना, टिन, सीसा, खनिज तेल, कोयला, नमक आदि हैं, जो विशेष रूप से फ़रगना की घाटी में पाए जाते हैं।
उद्योग
क्रांति के पूर्व ताजिक में उद्योग नहीं थे, परंतु अब स्टालिनाबाद में सूती वस्त्र उद्योग के बड़े-बड़े कारखानें हैं। अन्य प्रसिद्ध उद्योगों में चमड़ा साफ करने एवं सिलाई की मशीन बनाने के कारखाने मुख्य हैं। लेनिनाबाद रेशम तथा फल संबंधी उद्योग धंधों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ से सूखे मेवे, मुख्यत: किशमिश तथा खुबानी आदि रूस के विभिन्न भागों में भेजे जाते है।
यातायात
ऊँचे पर्वतों के कारण यातायात की सुविधाएँ ताजिक में सीमित हैं तथा सड़कें ऊँचे-ऊँचे दर्रों से गुजरती हैं। लेनिनबाद-स्टालिनाबाद मोटर मार्ग हिसार और तुर्किस्तान के पर्वतों को 3,000 मीटर से भी अधिक ऊँचाई पर पार करता है। दूसरा प्रसिद्ध मोटर मार्ग ओशखोरोग है, जिसे पामीर पर्वत के 4,000 मीटर से भी अधिक ऊँचे भाग से गुजरना पड़ता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख