पामीर

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पामीर मध्य एशिया में स्थित पठार और पर्वत श्रृंखला है। इसकी रचना हिमालय, तियन शान, कराकोरम, कुनलुन और हिन्दूकुश पर्वत की श्रृंखलाओं के संगम से हुई है। पामीर विश्व के सबसे ऊँचे पहाड़ों में से हैं। 18वीं सदी से ही इन्हें 'विश्व की छत' कहा जाने लगा था। यहाँ उगने वाले जंगली प्याज़ के नाम पर इन्हें 'प्याज़ी पर्वत' भी कहा जाता था।

पामीर का अर्थ

पामीर का शाब्दिक अर्थ "पर्वत शीर्ष में स्थित घाटी" है, जो इसके धरातल पर पाई जाने वाली नदियों और घाटियों आदि को देखने से यथार्थ प्रतीत होता है। फ़ारसी भाषा में इसको 'बाम-ए-दुनिया' अर्थात्‌ 'दुनिया की छत' भी कहते हैं। यह पठार एक गाँठ के रूप में है, जहाँ विभिन्न दिशाओं में स्थित पर्वत श्रेणियाँ आकर मिलती हैं।

विस्तार

यहाँ से उत्तर की ओर तियन शान, पूर्व की ओर कुनलुन और कराकोरम, दक्षिण-पूर्व की ओर हिमालय एवं पश्चिम की ओर हिन्दूकुश पर्वत श्रेणी जाती है। पठार की औसत ऊँचाई 20,000 फुट है और घाटियाँ 12,000 से 14,000 फुट ऊँची है। अधिकांश भाग पर्वतीय एवं शेष पर घास के मैदान हैं।

जलवायु

यहाँ की जलवायु शुष्क है, जिससे यहाँ का जनजीवन कठोर हो जाता है। यहाँ अनेक झीलें स्थित हैं और यहीं ऑक्सस नदी का उद्गम स्थल भी है। राजनीतिक दृष्टि से यह रूस के ताज़िक गणतंत्र एवं चीन के शिंर्जियांग प्रांत में स्थित है; पर इसके अतिरिक्त भारत एवं अफ़ग़ानिस्तान की भी सीमा इसे छूती है। जलवायु की विषमता यहाँ अधिक है, क्योंकि नवम्बर से अप्रैल तक शीताधिक्य के कारण यह दुर्गम हो जाता है। अन्य महीनों में तापमान अपेक्षाकृत ठीक रहता है। रूसी क्षेत्र में सर्वोच्च स्टालिन शिखर 24,490 फुट तथा चीन के क्षेत्र में मुस्ताग़अता पर्वत पर कुंगूर की चोटी 25,146 फुट ऊँची है। शुष्क जलवायु एवं अनुपजाऊ होते हुए भी इस क्षेत्र में पूर्व-पश्चिम को मिलाने वाले दो प्राचीन मार्ग हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पामीर (हिन्दी) इण्डिया वाटर पोर्टल। अभिगमन तिथि: 06 अगस्त, 2014।

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