अमर पर्वत
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- 'कृत्स्नं पंचनदं चैव तथैवामरपर्वतम्, उत्त्रज्योतिषं चैव तथा दिव्यकंट पुरम्-द्वारपालं च तरसा वशेचक्रे महाद्युति:'[1]
- नकुल ने अपनी पश्चिम दिशा की विजय-यात्रा के प्रसंग में अमर पर्वत को विजित किया था।
- प्रसंग से यह पंजाब का कोई पर्वत जान पड़ता है।
- संभव है अमरनाथ को ही इस उद्धरण में अमरपर्वत कहा गया हो।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 31| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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