कुशेशय पर्वत का उल्लेख विष्णु पुराण में हुआ है।[1] यहाँ इसे कुशद्वीप का एक पर्वत बताया गया है-
'विद्रुमो हेमशैलस्य द्युतिमान् पुष्पवांस्तथा, कुशेशय हरिश्चैव सप्तमो मन्दराचल;'[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 217 |
- ↑ विष्णु पुराण 2 - 4 - 41.
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