ऊटाह

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ऊटाह 37° और 42° उत्तरी अक्षांश.तथा 101° -3 और 114° -3 पश्चिमी देंशांतर के बीच संयुक्त राज्य अमरीका के पश्चिमी भागों में स्थित एक पर्वतीय राज्य है। इसका संपूर्ण क्षेत्रफ 84,916 वर्ग मील है, जिसमें से 2,570 वर्ग मील जलाशय है। इसकी आधे से अधिक जनसंख्या नगरों में रहनेवाली हैं।

भौतिक दृष्टि से इसको पश्चिम की बृहत्‌ उपत्यका तथा पूर्व के पठारी भागों में बाँटा जा सकता है। कई शताब्दी पूर्व यह बृहत्‌ उपत्यका 19,000 वर्ग मील क्षेत्र में जलमग्न थी। इसे भूतत्ववेत्ता बोनेकिले झील कहते हैं। पर्वतों के किनारे पर अब भी सागरतट से अलग अलग 17 स्तर स्पष्ट-दृष्टिगोचर होते हैं। इसके पूर्वी भागों में, जहाँ बौसैच पर्वतों में प्रवाहित सरिताओं से सिंचाई संभव है, सबसे घनी आबादी पाई जाती है। इस क्षेत्र की सरिताएँ सागरतट तक नहीं पहुँच पातीं। ये खारे पानी की झीलों में परिणत हो जाती हैं या वाष्पीकरण के कारण शुष्क हो जाती हैं। ग्रेट साल्ट लेक इस क्षेत्र की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।

बौसैच पर्वतों के पूर्व में सरिताओं द्वारा कटा फटा पठारी भाग है, जिसके उत्तर में युइंटा पर्वत है। यह ऊटाह का सर्वोच्च पर्वत तथा संयुक्त राज्य में पूर्व-पश्चिम दिशा में विस्तृत अकेला पर्वत है। किंग्स पीक (13,498) इस राज्य की सर्वोच्च चोटी है। युइंटा के दक्षिण में पठार की अधिकतम ऊँचाई 9,000 से 11,000 फुट तक है। यद्यपि ये क्षेत्र वनस्पति से आच्छादित हैं फिर भी आबादी के लिए काफी ऊँचे हैं। यहाँ पठारों के बीच, नदी घाटियों में ही आबादी पाई जाती है।

1971 ई. में 39.3 प्रतिशत भूमि पर कृषि होती थी। यह पूर्ण रूप से सिंचाई पर ही आश्रित थी। इस प्रदेश की मुख्य फसलें गेहूँ, जौ, जई, आलू, चुंकदर तथा अल्फाल्फा घास हैं। ऊटाह का पाँच खनिज पदार्थो-ताँबा, सीसा, चाँदी, सोना और जस्ता-के उत्पादन में इसका द्वितीय, सोना और सीसा में तृतीय तथा जस्ते के उत्पादन में सातवाँ स्थान है। 1950 ई. के बाद मिसिसिपि से पश्चिम सभी राज्यों में ऊटाह का स्थान कोयले के उत्पादन में भी उच्च रहा है। इनके अतिरिक्त यहाँ नमक, जिप्सम और यूरेनियम भी निकाला जाता है।

द्वितीय महायुद्ध के बाद यहाँ औद्योगिक प्रगति बड़ी तेज़ीसे हुई। 1947 में यहाँ 772 औद्योगिक संस्थान थे, जिसमें 13,843 मनुष्य कार्य करते थे। खाद्य पदार्थो से संबंधित उद्योगों के बाद यहाँ धातु उद्योग का द्वितीय स्थान है। धातु उद्योग में सबसे महत्वपूर्ण लोहा-इस्पात-उद्योग है, जिसका उत्पादन 1950 ई. में 18,00,000 टन था। इसके अलावा और दूसरे उद्योग, जैसे पेट्रोलियम, रासायनिक पदार्थ, शीशे के सामान और मशीनों के उद्योग यहाँ स्थापित हैं। 1970 में यहाँ 10,60,000 भेड़ें 1,35,000 दुधारू गाएँ, 8,40,000 ढोर तथा 59,000 सुअर थे।

यूनियन पैसिफिक रेलवे इस क्षेत्र की प्रथम रेलवे है तथा अब भी महत्वपूर्ण है। इसकी शाखाएँ प्राय: सभी खनिज और व्यावसायिक केंद्रों को मिलाती हैं। 1971 ई. में यहाँ 3,000 मील लंबी रेलवे लाइनें, 38,000 मील लंबी सड़कें तथा 89 हवाई हड्डे थे।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 177 |

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