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*तिथिव्रत; देवता गणेश; [[होम]]; घृत, गुड़ से पकाये गये [[चावल]] एवं [[नमक]] का [[नैवेद्य]] करना चाहिए। | *तिथिव्रत; देवता गणेश; [[होम]]; घृत, गुड़ से पकाये गये [[चावल]] एवं [[नमक]] का [[नैवेद्य]] करना चाहिए। | ||
*ऐसी मान्यता है कि शान्ता चतुर्थी के दिन स्नान एवं साधारण आहुतियों से एक सहस्र गुना पुण्य प्राप्त होता है। <ref>हेमाद्रि (व्रत खण्ड 1, 513-514, [[भविष्य पुराण]] 1|39|6-10 से उद्धरण)</ref> | *ऐसी मान्यता है कि शान्ता चतुर्थी के दिन स्नान एवं साधारण आहुतियों से एक सहस्र गुना पुण्य प्राप्त होता है।<ref>हेमाद्रि (व्रत खण्ड 1, 513-514, [[भविष्य पुराण]] 1|39|6-10 से उद्धरण)</ref> | ||
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11:16, 18 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को शान्ता कहा जाता है।
- शान्ता चतुर्थी को उपवास एवं गणेश पूजा की जाती है।
- तिथिव्रत; देवता गणेश; होम; घृत, गुड़ से पकाये गये चावल एवं नमक का नैवेद्य करना चाहिए।
- ऐसी मान्यता है कि शान्ता चतुर्थी के दिन स्नान एवं साधारण आहुतियों से एक सहस्र गुना पुण्य प्राप्त होता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत खण्ड 1, 513-514, भविष्य पुराण 1|39|6-10 से उद्धरण)
संबंधित लेख
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