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16:25, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- किसी भी शुभ दिन; यह प्रकीर्णन है; ब्रह्माण्ड की एक स्वर्ण प्रतिमा; तीन दिनों तक तिल का दान; अग्नि की पूजा तथा किसी गृहस्थ एवं उसकी पत्नी को प्रतिमा एवं तिल का दान;
- कर्ता ब्रह्मलोक में पहुँच जाता है और पुनः जन्म नहीं लेता है। [1] [2]। [3];
- द्वितीया को ब्रह्मचारी (वैदिक छात्र) का भोजन से सम्मान; ब्रह्म प्रतिमा का निर्माण उसे कमल दल पर रखकर गंध आदि से पूजा की जाती हैं।
- घी एवं समिधा से होम करना चाहिए [4]।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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