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12:32, 15 जून 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- ग्राम्य अर्थात् किसी ग्राम में उत्पन्न किया हुआ।
- बृहदारण्यकोपनिषद[1] में धान्य के दस प्रकार तथा अन्य पश्चात्यकालीन ग्रन्थों में 17 या 18 प्रकार कहे गये हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बृहदारण्यकोपनिषद, (6|3|13)
अन्य संबंधित लिंक
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