व्यासस्थली का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ महाभारत वनपर्व में हुआ है।
'ततो व्यासस्थली नाम यत्रव्यासेन धीमता पुत्रशोकाभितप्तेन देहत्यागेकृतामतिः। ततो देवैस्तु राजेन्द्र पुनरूत्थापितस्तदा।'
- उपरोक्त प्रसंग से यह स्थान कुरूक्षेत्र (हरियाणा) के निकट जान पड़ता है।[2]
- व्यासस्थली थानेसर के दक्षिण-पश्चिम में 17 मील दूर आधुनिक स्थली है, जहाँ व्यास ने पुत्र की हानि पर मर जाने का प्रण किया था।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वनपर्व 83,96-97
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 884 |
- ↑ वनपर्व 84.96; नारदीय पुराण, उत्तरार्ध 65.83 एवं पद्म पुराण 1.26.90-91