लोकालोक पुराण वर्णित एक पर्वत है। पौराणिक भूगोल के अनुसार यह पर्वत सबसे विशाल महाद्वीप पुष्कर के आगे स्थित है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 822 |