एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

जोतिक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

जोतिक नामक स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है। इस उल्लेख के अनुसार पाण्डव नकुल की दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में 'उत्तरज्योतिष'[2] को नकुल द्वारा जीते जाने का वर्णन है। श्री वासुदेव शरण अग्रवाल के मतानुसार यह उत्तर-पश्चिम हिमालय में स्थित 'जोता' नामक स्थान हो सकता है।[3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 32, 11
  2. या पाठान्तर-ज्योतिक
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 372 |

संबंधित लेख