नन्दन | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- नन्दन (बहुविकल्पी) |
नन्दन देवराज इन्द्र के उपवन का नाम था, जो पुराणानुसार स्वर्ग में हैं और सब स्थानों में सुंदर माना जाता है। भोगदंड पूरा हो जाने पर मनुष्यों को यहीं भेज दिया जाता है। यह पारिजात वृक्ष के लिये प्रसिद्ध है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 256-257 |
- ↑ भागवत पुराण 3.23.40; मत्स्य पुराण 38.18; वायुपुराण 36.11; 46.4; 47.3; 69.136; 91.6; 93.69
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