गोकामुख पुराणों में वर्णित एक पर्वत का नाम है। 'श्रीमद्भागवत'[1] में पर्वतों की सूची में गोकामुख का भी उल्लेख है-
'रैवतक: ककुभोनीलोगोकामुख इन्द्रकील: कामगिरिरिति।'
- इस पर्वत का अभिज्ञान अनिश्चित है, किंतु प्रसंगानुसार यह दक्षिण भारत का कोई पर्वत शिखर जान पड़ता है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ श्रीमद्भागवत 5, 19, 16
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 296 |