वीरनगर नाम के एक प्राचीन नगर का उल्लेख हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ विष्णुपुराण में हुआ है-
'देविकायास्तटे वीरनगरं नाम वै पुरम, समृद्धिमतिरम्यं च पुलस्त्येन निवेशितम्।[1]
- उपरोक्त उद्धरण से सूचित होता है कि वीरनगर देविका नदी के तट पर स्थित था और इसकी स्थापना पुलस्त्य ऋषि ने की थी।
- प्राचीन साहित्य में देविका नाम की कई नदियों का उल्लेख है। एक गंडकी की सहायक नदी देविका नेपाल में थी, दूसरी सौवीर में, तीसरी मुल्तान के निकट थी। वीरनगर की स्थित इन्हीं नदियों में से किसी के तट पर हो सकती है।[2]
- संभवतः यह नेपाल का वीरनगर है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विष्णुपुराण 2,15,6
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 866 |