सर्वर्तुक एक पौराणिक वनोद्यान, जो रैवतक पर्वत के निकट स्थित था। महाभारत, सभापर्व में इसका उल्लेख हुआ है-
'चित्रकम्बलवर्णाभं पांचजन्यवनं तथा, सर्वर्तुकवनं चैव भाति रैवतकं प्रति।'[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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