पुलिंद नगर का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है, जहाँ बताया गया है कि पाण्डव भीमसेन ने अपनी दिग्विजय यात्रा के समय पुलिंद नगर को जीत लिया था और उस पर अधिकार कर लिया।[1]
ततो दक्षिणमागम्य पुलिंदनगरं महत्,
सुकुमारं वशे चक्रे सुमित्रं चा नराधिपम्।[2]
- उपर्युक्त प्रसंग से पुलिंद नगर की स्थिति विंध्यप्रदेश की उपत्यकाओं में जान पड़ती है।
- हेमचन्द्र रायचौधरी के अनुसार यह प्रदेश 'रूपनाथा' के निकट स्थित रहा होगा, जहाँ अशोक का अभिलेख प्राप्त हुआ है।
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