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09:06, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • भाद्रपद शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से पंचमी तक एकभक्त रहना चाहिए।
  • षष्ठी को उपवास करना चाहिए।
  • सूर्य प्रतिमा की पूजा करना चाहिए।
  • यह व्रत एक वर्ष तक करना चाहिए।
  • प्रत्येक मास में आदित्य के विभिन्न नाम का जाप करना चाहिए।
  • अन्त में विस्तृत उद्यापन करना चाहिए।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 608-615, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण); निर्णयसिन्धु (134)

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