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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
 
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12:48, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • आश्विन शुक्ल पक्ष में मूल नक्षत्र] पर सरस्वती का आवाहन, प्रतिदिन पूजा और श्रवण (जो मूल से चौथा नक्षत्र है) पर विसर्जन कुल किया जाता है।
  • चार दिनों तक सामान्यत: आश्विन शुक्ल पक्ष की सप्तमी से दशमी तक सरस्वतीपूजाविधि की जाती है।
  • व्रतराज[1]; वर्षकृत्यदीपक [2], दोनों ग्रन्थों में ऐसा आया है कि इन दिनों अध्ययन, अध्यापन एवं पुस्तक लेखन वर्जित है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. व्रतराज 248-249
  2. वर्षकृत्यदीपक 93 एवं 268-269

संबंधित लेख

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