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*शनिप्रदोषव्रत एक वर्ष तक; सन्तति के लिए किया जाता है। | *शनिप्रदोषव्रत एक वर्ष तक; सन्तति के लिए किया जाता है। |
18:46, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कार्तिक मास से आगे रविवार को पड़ने वाली त्रयोदशी पर शनिप्रदोषव्रत किया जाता है।
- शनिप्रदोषव्रत एक वर्ष तक; सन्तति के लिए किया जाता है।
- शनिप्रदोषव्रत में शिव पूजा की जाती है।
- ऐसी मान्यता है कि सूर्योस्त के उपरान्त भोजन ग्रहण करना चाहिए।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ स्मृतिकौस्तुभ (40-41); पुरुषार्थचिन्तामणि (225-229); व्रतार्क (265अ-269ब)
संबंधित लेख
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