"वैकुण्ठ चतुर्दशी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
छो (Text replace - ")</ref" to "</ref")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
+
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
 
*[[कार्तिक]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[चतुर्दशी]] को वैकुण्ठ चतुर्दशी कहा गया है।
 
*[[कार्तिक]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[चतुर्दशी]] को वैकुण्ठ चतुर्दशी कहा गया है।
*यदि [[विष्णु]] पूजा करनी हो तो रात में की जानी चाहिए।<ref>निर्णयसिन्धु (206)</ref>
+
*यदि [[विष्णु]] पूजा करनी हो तो रात में की जानी चाहिए।<ref>निर्णयसिन्धु (206</ref>
*कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर हेमलम्ब वर्ष में [[अरुणोदय]] काल में [[ब्रह्म मुहूर्त]] में स्वयं [[विश्वेश्वर]] भगवान ने [[वाराणसी]] में मणिकर्णिकाघाट पर स्नान किया था, [[पाशुपत व्रत]] किया था तथा [[उमा]] के साथ विश्वेश्वर की पूजा की थी एवं विश्वेश्वर की स्थापना की थी।<ref> निर्णयसिन्धु (206); स्मृतिकौस्तुभ (388-389); पुरुषार्थचिन्तामणि (246-247)</ref>
+
*कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर हेमलम्ब वर्ष में [[अरुणोदय]] काल में [[ब्रह्म मुहूर्त]] में स्वयं [[विश्वेश्वर]] भगवान ने [[वाराणसी]] में मणिकर्णिकाघाट पर स्नान किया था, [[पाशुपत व्रत]] किया था तथा [[उमा]] के साथ विश्वेश्वर की पूजा की थी एवं विश्वेश्वर की स्थापना की थी।<ref> निर्णयसिन्धु (206); स्मृतिकौस्तुभ (388-389); पुरुषार्थचिन्तामणि (246-247</ref>
 +
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>

13:00, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. निर्णयसिन्धु (206
  2. निर्णयसिन्धु (206); स्मृतिकौस्तुभ (388-389); पुरुषार्थचिन्तामणि (246-247

संबंधित लेख