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*दान एवं भोजन कराने चाहिए।  
 
*दान एवं भोजन कराने चाहिए।  
 
*[[भाद्रपद]] में [[पूर्वाषाढ़]] पर, [[फाल्गुन]] में [[पूर्वाफाल्गुनी]] पर, [[चैत्र]] में [[उत्तराफाल्गुनी]] पर उसी प्रकार की पूजा करनी चाहिए।  
 
*[[भाद्रपद]] में [[पूर्वाषाढ़]] पर, [[फाल्गुन]] में [[पूर्वाफाल्गुनी]] पर, [[चैत्र]] में [[उत्तराफाल्गुनी]] पर उसी प्रकार की पूजा करनी चाहिए।  
*कर्ता स्वास्थ्य, समृद्धि प्राप्त करता है और [[विष्णुलोक]] जाता है। <ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 665-667, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।</ref>  
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*कर्ता स्वास्थ्य, समृद्धि प्राप्त करता है और [[विष्णुलोक]] जाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 665-667, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।</ref>  
 
 
 
 
 
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 665-667, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।

संबंधित लिंक

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