"ललितकान्तादेवी व्रत" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replace - ")</ref" to "</ref")
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
 
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
 
*यह व्रत मंगला चण्डिका देवी का ही है।
 
*यह व्रत मंगला चण्डिका देवी का ही है।
*तिथितत्व<ref>तिथितत्त्व (41)</ref> ने [[कालिकापुराण]] को उद्धृत करते हुआ कहा है कि [[मंगल चण्डिका]] ही ललितकान्तादेवी हैं, जिसके दो हाथ होते हैं, जो गोरी होती हैं, लाल कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं।  
+
*तिथितत्व<ref>तिथितत्त्व (41</ref> ने [[कालिकापुराण]] को उद्धृत करते हुआ कहा है कि [[मंगल चण्डिका]] ही ललितकान्तादेवी हैं, जिसके दो हाथ होते हैं, जो गोरी होती हैं, लाल कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं।  
 
 
 
 
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}

12:55, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह व्रत मंगला चण्डिका देवी का ही है।
  • तिथितत्व[1] ने कालिकापुराण को उद्धृत करते हुआ कहा है कि मंगल चण्डिका ही ललितकान्तादेवी हैं, जिसके दो हाथ होते हैं, जो गोरी होती हैं, लाल कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं।

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. तिथितत्त्व (41

संबंधित लेख