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*यह व्रत मंगला चण्डिका देवी का ही है। | *यह व्रत मंगला चण्डिका देवी का ही है। | ||
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12:55, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत मंगला चण्डिका देवी का ही है।
- तिथितत्व[1] ने कालिकापुराण को उद्धृत करते हुआ कहा है कि मंगल चण्डिका ही ललितकान्तादेवी हैं, जिसके दो हाथ होते हैं, जो गोरी होती हैं, लाल कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ तिथितत्त्व (41
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