आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
*विभिन्न खाद्य पदार्थों का नैवेद्य, ढोल बजाना; शिव रथयात्रा; 'शिव प्रसन्न हों' कहना चाहिये।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 148-148, [[स्कन्द पुराण]] से उद्धरण)</ref>। | *विभिन्न खाद्य पदार्थों का नैवेद्य, ढोल बजाना; शिव रथयात्रा; 'शिव प्रसन्न हों' कहना चाहिये।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 148-148, [[स्कन्द पुराण]] से उद्धरण)</ref>। | ||
+ | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
10:23, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- चैत्र शुक्ल की चतुर्दशी पर यह व्रत किया जाता है।
- प्रति वर्ष शिव प्रतिमा को दूध आदि से स्नान करा कर अंजन, दमनक, बिल्व दल का अर्पण किया जाता है।
- चावल के चूर्ण से बने दीपों से प्रतिमा की आरती की जाती है;
- विभिन्न खाद्य पदार्थों का नैवेद्य, ढोल बजाना; शिव रथयात्रा; 'शिव प्रसन्न हों' कहना चाहिये।[1]।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 148-148, स्कन्द पुराण से उद्धरण)
संबंधित लेख
|